भाभी ने दो बेटियों संग खुद को लगाई आग, गांव में पसरा सन्नाटा

जालौन। कोंच कोतवाली क्षेत्र के दाड़ी गांव में सोमवार रात एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके की खुशियां मातम में बदल दीं। देवर की शादी से ठीक एक दिन पहले घर में जश्न का माहौल था, लेकिन इसी बीच भाभी आरती ने अपनी दो बेटियों के साथ कमरे में खुद को बंद कर डीज़ल उढ़ेलकर आग लगा ली। इस हादसे में आरती और एक बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी बेटी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
दाड़ी गांव में सोमवार रात ऐसी घटना हुई जिसने खुशियों से भरे घर को पलभर में शोक में बदल दिया। देवर की शादी की पूर्व संध्या पर जहां पूरे घर में रंग, रोशनी और रस्मों की रौनक थी, वहीं उसी घर के एक कमरे से उठती आग की लपटों ने सबको स्तब्ध कर दिया। 35 वर्षीय आरती, जिसने दिन में देवर की हल्दी की रस्म को मुस्कुराते हुए निभाया था, रात होते-होते अपनी दो छोटी बेटियों के साथ कमरे में बंद हो गई। परिवार वाले जब तक कुछ समझ पाते, कमरे में डीज़ल उढ़ेलकर लगाई गई आग ने तीन ज़िंदगियों को लील लिया—आरती और एक बेटी की मौके पर मौत, दूसरी की अस्पताल में। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी दौड़े, दरवाजा तोड़ा, कंबल डालकर आग बुझाई, लेकिन लपटें ज़्यादा तेज थीं—और वक्त बहुत कम। आरती के पति देवेंद्र, जो गोलगप्पा सप्लाई का काम करते हैं, और उसके दो देवर—गाजियाबाद व आगरा में तैनात दरोगा पवन और जितेंद्र—अचानक हुए इस हादसे से बदहवास हैं। पवन की मंगलवार को बरात जानी थी, जिसकी तैयारी पूरे गांव में थी। पर अब वही घर मातम के सन्नाटे से भर गया है। पुलिस के अनुसार, रात करीब 11 बजे आरती और देवेंद्र के बीच कहासुनी हुई थी। इसके बाद आरती जनरेटर का डीज़ल लेकर कमरे में चली गई। यह फैसला गुस्से में लिया गया कदम था या लंबे समय से पनपती किसी पीड़ा का परिणाम—पुलिस इन सवालों की जांच कर रही है।





